भाषण व लेखन के बीच के अन्तर की चर्चा करते वक्त, Raines कहते हैं- "हम यह देख सकते हैं कि हमारे विद्यार्थी, लेखन को ESL कक्षाओं के अन्य कौशलों की तरह स्वयं नहीं सीख पाते । हमें उन्हें लेखन सीखना पड़ता है।"
असल में, श्रवण भाषा (Audio-linguasism) जिसका प्राथमिक केन्द्र भाषण है, के आगमन ने लेखन को पिछले स्थान में पहुँचा दिया। एक सीखने वाला जो अपने लेखन कौशल को विकसित करना चाहता है, उसे भी सुनने, बोलने, पढ़ने की परिश्रम पूर्ण प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।
हमारे सन्दर्भ में अधिकतर अध्यापकों को यह मानना है कि सम्मिश्रण सिखने की कोई आवश्यकता नहीं। वे हर सप्ताह विद्यार्थियों को कुछ सिखाते हैं और समझते हैं कि यही उनके लेखन कौशल के विकास के लिए पर्याप्त है, परन्तु उचित प्रशिक्षण व मार्गदर्शन के अभाव में विद्यार्थी अंधेरे में ही टटोलते रह जाते हैं और लेखन के जटिल कौशल में निपुणता प्राप्त करने में असफल रह जाते हैं। पर्याप्त मार्गदर्शन व टिप्पणी (Feedback) के अभाव में गहन अभ्यास भी कोई उद्देश्य Ministry करता । ।