चलवासी पशुचारण (Chalvasi Pashu Charan) जीवन-निर्वाह की वह पद्धति है, जिसमें पशुचारक अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चारागाह की उपलब्धता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं।
इसके विपरीत, व्यापारिक पशुपालन में स्थायी फार्म में व्यापारिक पैमाने पर पशुओं को पाला जाता है। चलवासी पशुचारण अनुपजाऊ क्षेत्र में घुमक्कर जातियों यथा खैप, खिरगिज, गुज्जर इत्यादि द्वारा किया जाता है।
जबकि व्यापारिक पशुपालन (Vyaparik Pashupalan) एक व्यवस्थित और पूँजी प्रधान क्रियाकलाप हैं, जो विकसित देशों, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया आदि में अधिक प्रचलित हैं।