पत्तन (Port) तट पर स्थित वह स्थान है, जहाँ गोदियाँ, जहाज घाट और लंगर डालने की सुविधाएँ होती हैं। यहाँ समुद्री मार्गों से भारी मात्रा में माल आता है, जिसको पृष्ठ प्रदेश में वितरित किया जाता है। पृष्ठ प्रदेश का माल भी यहाँ आता है और समुद्री मार्गों द्वारा उसे विदेशों या देश के अन्य समुद्री तटों पर भेजा जाता है।
इसके विपरीत पोताश्रय या बन्दरगाह (Harbour) समुद्र का आंशिक रूप से स्थल से घिरा भाग होता है, जैसे निवेशिका (Creek), ज्वारनदमुख (Estuary), समुद्र अंतर्गम (Inlet) इत्यादि।
यह जहाजों को खुले समुद्र की तूफानी ऊँची-नीची और तेज गति वाली लहरों से सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। पोताश्रय प्राकृतिक भी होते हैं और कृत्रिम भी।
प्राकृतिक बन्दरगाह के लिए तटरेखा का दंतुरित अथवा कटा-फटा होना जरूरी है। कृत्रिम बंदरगाह जल को दो ओर से घेर कर बनाया जाता है। बंदरगाह में जहाज मरम्मत के लिए कई दिनों तक खड़े रहते हैं।