पर्यावरण अध्ययन और पर्यावरण शिक्षा को एक-दूसरे के समानार्थी शब्द के रूप में लिया जाता है। ध्यान से अध्ययन करने पर पता चलता है कि दोनों की अवधारणाओं एवं उद्देश्यों में पर्याप्त भिन्नता है। पर्यावरण शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की पारिस्थितिकी व इसके असंतुलन को समझाना, इसके दुष्प्रभावों से उन्हें अवगत कराना तथा इससे बचने हेतु विभिन्न उपायों से उनका परिचय कराना है।
इस क्रम में हम बच्चों के बीच पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता तथा ऐसी जीवनशैली अपनाना जो पर्यावरण के हित में हो । जैसे- मूल्य स्थापित करने का प्रयास करना ।
इसके विपरीत पर्यावरण अध्ययन का उद्देश्य बच्चों में उनके परिवेश (प्राकृतिक एवं सामाजिक) की एक समग्र समझ विकसित करना साथ ही, इस समझ के निर्माण या सीखने की मूलभूत क्षमताओं, मूल्यों एवं कौशलों का विकास करना भी है। अतः इसमें पारिस्थितिकी तथा इसकी समस्याएँ भी समाहित है।