उत्तर - 1968 में संयुक्त राज्य अमरीका तथा सोवियत संघ के बीच यह सन्धि हुई थी जिसे 1970 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने अपना लिया। यह 25-वर्षीय सन्धि थी, लेकिन 1995 में अनिश्चित काल के लिए इसकी अवधि बढ़ा दी गई। इसमें कहा गया कि पाँच बड़ी शक्तियाँ (अमरीका, ब्रिटेन, फ्राँस, सोवियत संघ व चीन) किसी अन्य देश को अपनी परमाणु ऊर्जा या तकनीकी का हस्तान्तरण नहीं करेंगी। यदि किसी अन्य राज्य ने किसी परमाणु शक्ति से ऊर्जा या तकनीकी प्राप्त की तो वह केवल शान्तिपूर्ण प्रयोजन के लिए हो सकेगा तथा अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण उसका निरीक्षण करेगा। भारत की दृष्टि में यह सन्धि विभेदकारी है, क्योंकि यह किसी अन्य देश को परमाणु शक्ति बनने से रोकती है तथा रचनात्मक कार्यों के लिए परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाती है।