आर्थिक विकास आय या उत्पादन में वह वृद्धि है जो उत्पादन की तकनीक एवं अर्थव्यवस्था के ढाँचे में परिवर्तन से प्राप्त हो।
उदाहरण के लिए, हरित क्रांति एवं भूमि सुधार के कारण कृषि उत्पादन में हुई वृद्धि को हम आर्थिक विकास का सूचक मान सकते हैं। आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना है।
इसके लिए अर्थव्यवस्था के निष्क्रिय संसाधनों को गतिशील किया जाता है। जहाँ आर्थिक वृद्धि संसाधनों के संवर्द्धन से आसानी से प्राप्त की जा सकती है, वहीं विकास एक विस्तृत और जटिल प्रक्रिया है।
विकास के उद्देश्यों में प्रतिव्यक्ति वास्तविक आय में वृद्धि के साथ-साथ गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, शिशु मृत्यु दर आदि में कमी भी शामिल हैं। अतः, विकास कल्याण एवं जीवन की गुणवत्ता से संबंधित है।
सारांश में, हम यह कह सकते हैं कि आर्थिक वृद्धि शब्द का प्रयोग विकसित राष्ट्रों के लिए किया जाता है जबकि आर्थिक विकास का व्यवहार विकासशील राष्ट्रों के संदर्भ में किया जाता है।
अतः यदि धनी देशों की आय बढ़ती है तो यह 'आर्थिक वृद्धि' है जबकि निर्धन देशों की आय का बढ़ता स्तर आर्थिक विकास' का द्योतक है।