आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (UNESCO)
फेनविक के शब्दों में 'महासभा के अधीनस्थ एवं उसके कार्यों को उसके प्रतिनिधि के रूप में सम्पन्न करनेवाली संस्था आर्थिक और सामाजिक परिषद् है ।" आर्थिक और सामाजिक परिषद इस धारणा पर आधारित है कि अन्तर्राष्ट्रीय शांति राजनीतिक विवादों के समाधान के अलावा अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और उनसे सम्बंधित अन्य समस्याओं के सम्बन्ध में उचित और प्रभावपूर्ण कार्यवाही पर निर्भर करती है। अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की स्थापना हेतु राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ सामाजिक स्थिरता और आर्थिक संतोष भी जरूरी है।
संगठन : वर्तमान समय ( सितम्बर 2002 ) संख्या 54 हो गयी है। यह एक स्थायी संस्था है जिसके एक तिहाई सदस्य प्रति वर्ष पदमुक्त होते रहते हैं। इस प्रकार इसके प्रत्येक सदस्य की कार्यावधि 3 वर्ष होती है। परन्तु अवकाश ग्रहण करने वाला सदस्य पुनः निर्वाचित हो सकता है। परिषद् में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। यद्यपि आर्थिक और सामाजिक परिषद हेतु कोई स्थायी सदस्यता का उपबन्ध नहीं है। तथापि व्यवहार में तथाकथित 'पाँच बड़े' सदस्य निर्वाचित हो जाते हैं। सामान्यत: इसके निर्वाचित सदस्य ही इसकी बैठकों में भाग लेते हैं पर यह संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य को बिना मतदान के किसी ऐसे विषय पर अपने विचार-विमर्श में आमंत्रित कर सकती है, जो उस सदस्य के लिए में आर्थिक और सामाजिक परिषद की सदस्यविशेष चिन्ता का विषय हो । परिषद के प्रत्येक सदस्य को केवल एक मत देने का अधिकार होता है। महासभा की भाँति एक साल के लिए सदस्य राज्यों में से एक सदस्य इसका सभापति निर्वाचित होता है।आर्थिक और सामाजिक परिषद हर साल 5 सप्ताह का एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित करती है। इन सत्रों का आयोजन बारी-बारी से न्यूयार्क और जेनेवा में किया जाता है । इसके अलावा यह न्यूयार्क में दो संगठनात्मक सत्रों का भी आयोजन करती है। मुख्य सत्र के दौरान एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जाती है जिसमें मंत्रियों के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेते हैं। विश्व के महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा की जाती है। आर्थिक और सामाजिक परिषद का पूरे वर्ष के दौरान चलनेवाला कार्य उसकी सहायक संस्थाओं, आयोगों और समितियों द्वारा किया जाता है जो नियमित अन्तराल पर अपनी बैठक आयोजित करने के साथ अपनी कार्यवाहियों के सम्बन्ध में परिषद को जानकारी देती रहती है। कार्य एवं अधिकार ( Powers and Functions) : संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार,आर्थिक तथा सामाजिक परिषद के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार ( शक्तियाँ) प्रमुख हैं
1. वह अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य तथा सम्बंधित मामलों पर अध्ययन कर सकती है तथा इस विषय में महासभा संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों तथा विशिष्ट अभिकरणों को रिपोर्ट दे सकती है।
2. यह सबके मानवीय अधिकारों तथा मौलिक स्वतंत्रताओं के आदर तथा लागू करने के लिए संस्तुति दे सकती है।
3. यह अपनी क्षमता के अन्तर्गत आनेवाले विषयों से सम्बंधित अभिसमयों के आलेख महासभा को प्रेषित कर सकती है।
4. संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार अपनी क्षमता के अन्तर्गत आनेवाले विषयों से सम्बद्ध मसलों पर सम्मेलन बुला सकती है।
5. सुरक्षा परिषद की प्रार्थना पर यह सुरक्षा परिषद को सूचनाएँ प्रेषित कर सकती है तथा सहायता कर सकती है।
6. महासभा की संस्तुतियों के पालन हेतु आर्थिक तथा सामाजिक परिषद् वह सब कार्य कर सकती है जो इसकी क्षमता के अन्तर्गत होते हैं।
7. महासभा के अनुमोदन से आर्थिक तथा सामाजिक परिषद सदस्यों तथा विशिष्ट सकती हैं।एजेन्सियों की प्रार्थना पर सेवाएँ अर्पित कर 8. अंततः, यह परिषद चार्टर के अन्तर्गत निर्दिष्ट तथा महासभा द्वारा बनाये गए सभी कार्यों को सम्पादित करती है।