माना जाता है कि, अंतरिक्ष में अवस्थित विशाल बादल में गुरुत्वाकर्षण के नष्ट होने (Gravitation collapse) के कारण सौरमण्डल की उत्पत्ति हुई। सूर्य से दूर जाते हुए ग्रहों की संरचना एवं घनत्व में विभिन्नता इस तथ्य को सिद्ध करते हैं।
उदाहरण - के लिये जो ग्रह सूर्य के निकट हैं, वे चट्टानों तथा धातुओं के बने हुये हैं जो ऊँचे तापमान पर बने थे। इसके विपरीत सूर्य से अधिक दूरी पर पाये जाने वाले ग्रहों की उत्पत्ति ऐसी धातुओं से हुई जो कम अथवा निम्न तापमान पर ठोस (solid) होते हैं।
अधिकतर वैज्ञानिकों का विश्वास है कि, ब्रह्नाण्ड की उत्पत्ति लगभग 15 अरब वर्ष (15 Billion years) पूर्व हुई ।
इसके सम्बंध में कहा जाता है कि, भारी बिग-बैंग (Big-Bang) धमाका हुआ था। इस धमाके के फलस्वरूप भौतिक पदार्थों ने बिखर कर मंदाकिनियों (Galaxies), सितारों (stars) तथा ग्रहों (planets) का रूप धारण कर लिया।
वैज्ञानिकों का विचार है कि हमारे सौरमण्डल की उत्पत्ति आकाशगंगा (Milky-Way) की भुजा में हुई थी। आकाशगंगा की इस भुजा में एक हल्का ठंडी गैस का बादल था। इस बादल की मुख्य गैसों में हाइड्रोजन (Hydrogen), हीलियम, ऑक्सीजन एवं लौह इत्यादि थे। यह बादल धीरे-धीरे चक्कर लगाने लगा। तत्पश्चात् उस बादल में गुरुत्वाकर्षण शक्ति का पतन (Collapse) आरम्भ हुआ और उसमें गैस के घूमते हुए चक्र (Disc) उत्पन्न हुये, जिनके आंतरिक भाग का तापमान अत्यधिक था। गैस के यह डिस्क (Disc) धीरे-धीरे ठंडे होकर सौरमण्डल (Solar system) का रूप धारण कर गये।