विद्युत बल रेखाओं की विशेषताएँ-बताएं l Vidyut Bal Rekhaon Ki Visheshtaen Bataen.
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विद्युत बल रेखाओं की विशेषताएँ-बताएं l Vidyut Bal Rekhaon Ki Visheshtaen Bataen.

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(i) विद्युत बल रेखाएँ धनावेश से प्रारम्भ होती हैं तथा ऋणावेश पर समाप्त होती हैं। 

(ii) बल रेखा के किसी भी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है। 

(iii) दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटतीं, क्योंकि कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं जो उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएँ प्रदर्शित करेंगी। यह असम्भव है।

(iv) बल रेखाएँ खिची हुई लचीली डोरी की भाँति लम्बाई में सिकुड़ने का प्रयत्न करती हैं। यही कारण है कि आवेशों के बीच आकर्षण होता है।

(v) बल रेखाएँ अपनी लम्बाई की लम्बवत् दिशा में एक-दूसरे से दूर हटने का प्रयत्न करती हैं। यही कारण है कि समान प्रकृति के आवेशों के बीच प्रतिकर्षण होता है।

(vi) समरूप क्षेत्र (uniform field) में खींची गई बल रेखाएँ परस्पर समानान्तर होती हैं तथा एक-दूसरे से समान दूरी पर होती हैं। 

(vii) विद्युत बल रेखाएँ आवेशित चालक के तल से तल के लम्बवत् प्रारम्भ होती हैं, अथवा तल पर तल के लम्बवत् समाप्त होती हैं।

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