किसी वस्तु की गति का अध्ययन करते समय सामान्यतः उस वस्तु का आकार महत्त्वहीन होता है। उदाहरण के लिए, यदि हम बस द्वारा यात्रा कर रहे हैं, तो बस द्वारा तय की गई दूरी की तुलना में बस की स्वयं की लम्बाई उपेक्षणीय होती है।
अतः बस का आकार परिमित होते हुए भी यात्रा के लिए इसकी गति को बिन्दुवत् वस्तु की गति माना जा सकता है।
यदि किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई दूरी उस वस्तु के आकार के बहुत अधिक हो, तो उस वस्तु को बिन्दुवत् वस्तु मान लिया जाता है ।