महात्मा गाँधी ने रॉलेट एक्ट अधिनियम के विरोध में लोगों से 6 अप्रैल, 1919 को एक दिन के लिए अहिंसक विरोध दर्शाने को कहा।
भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने 1917 में न्यायाधीश सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन की। जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक करना था।
प्रभावी कानून का मसौदा तैयार इसके रिपोर्ट पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रॉलेट एक्ट के नाम से जाना गया।
लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के कार्यकाल में 1919 में रॉलेट एक्ट पारित हुआ था।
अखिल भारतीय राजनीति में गाँधीजी का पहला कदम रॉलेट एक्ट के विरूद्ध 1919 में प्रारंभ सत्याग्रह था।
गाँधीजी ने रॉलेट सत्याग्रह के लिए तीन राजनीतिक मंचों का उपयोग किया था— होमरूल लीग, खिलाफत एवं सत्याग्रह सभा।
1813 का चार्टर अधिनियम में कम्पनी के अधिकार पत्र को 20 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
मार्च, 1878 में लिटन ने भारतीय समाचारपत्र अधिनियम पारित कर भारतीय भाषाओं के समाचारपत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए।