असमजात अंग (Asamjaat Ang) : अपसारी विकास में वैसी संरचनाएँ जो समजातीय नहीं होती, किंतु कार्य रूप में समान रहती हैं असमजात अंग कहलाते हैं।
जैसे तितलियों के पंख।
इनमें पूर्वज परंपरा समान नहीं है और नहीं शरीर की रचना में समानता है। भले ही वे क्रिया को समान रूप से संपन्न करती हों ।