उत्तर: ईश्वर आपकी यात्रा सफल करें। इस कथन के माध्यम से लेखक शरद जोशी भारतीय रेल प्रशासन की अव्यवस्था से हमें परिचित कराना चाहते हैं। लेखक के अनुसार भारतीय रेल में यात्रा करते समय यात्रियों का एकमात्र ईश्वर ही सहारा होता है। यदि ईश्वर की कृपा होगी तभी भीड़ में भी जगह मिल सकती है। यदि ईश्वर आपके साथ है, टिकट आपके हाथ है, पास में सामान कम और जेब में पैसा अधिक है, तो आप मंजिल तक पहुँच जाएँगे, फिर बर्थ मिले अथवा न मिले। रेलों का काम एक जगह से दूसरी जगह जाना है। यात्री की चाहे जो भी दशा- दुर्दशा हो, यात्री जिन्दा रहे या मुर्दा, रेलों का काम उसे पहुँचा देना भर है। यहाँ लेखक ने भारतीय प्रशासन की अव्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है।