जब हम किसी विषय का अध्ययन करते हैं तब उसके अंगों को समझने के लिए जिस तरीके या विधि को साधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, उसे उपागम कहा जाता है। उपागम दो रूपोंअप + आगम के योग से बना है।
'उप' का तात्पर्य समीप (पास) और 'आगम' का तात्पर्य पहुँचना है। इस तरह शाब्दिक अर्थ में उपागम को स्पष्ट करते हुए कहा जा सकता है कि वे साधन स्रोत जिससे किसी चीज के समीप या पास पहुँचा जाता है वह उपागम कहलाता है।
अतः कहा जा सकता है कि जिन साधनों से शिक्षण एवं अधिगम सम्बन्धी ज्ञान, कौशल, क्रियाविधि की जानकारी सुलभ होती है, वहीं शैक्षिक तकनीकी उपागम है। इन उपागमों से शिक्षण एवं अधिगम को रोचक, सरल है।
एवं प्रभावयुक्त बनाने में अत्यधिक सहायता प्राप्त होती शिक्षाविद् लुम्सडेन (Lumsdane) ने शैक्षिक तकनीकी को प्रमुख रूप से निम्नलिखित तीन भागों में वर्गीकृत किया है।