मानव समाज में विज्ञान और तकनीक का अत्यधिक महत्व है। यह आधुनिक जीवन के लिए भी आवश्यक है। जहाँ अनेक देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं, वहीं अन्य देशों के लिए भी आवश्यक हो जाता है कि वे भी इसी तरह से भविष्य में सुरक्षा के लिए ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए निरंतर वैज्ञानिक विकास करते रहें। ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है, जिन्होंने अनेक कमजोर देशों को भी विकसित और ताकतवर बनने में मदद की है।
मानवता के भले के लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। यदि हम तकनीकों की मदद नहीं लेते; जैसे- कम्प्यूटर, इंटरनेट, बिजली, आदि तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होंगे और हमेशा पिछड़े हुए ही रहेंगे। यहां तक कि इसके बिना हम आज के इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित भी नहीं रह सकते हैं।
" चिकित्सा शिक्षा, अर्थव्यवस्था, खेल, नौकरियाँ, पर्यटन आदि विज्ञान और प्रौद्योगिकियों के उदाहरण हैं। ये हमें दिखाती हैं कि कैसे दोनों हमारे जीवन के लिए समान रूप से आवश्यक हैं। हम अपनी जीवन-शैली में प्राचीन समय के जीवन के तरीकों और आधुनिक समय के जीवन के तरीकों की तुलना करके स्पष्ट रूप में अन्तर देख सकते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च स्तर की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नत्ति ने बहुत सी खतरनाक बीमारियों के इलाज को सरल बना दिया है जो पहले संभव नहीं था। तकनीकी ने बीमारियों का इलाज, दवाइयों और ऑपरेशन के माध्यम से करने में चिकित्सकों की प्रभावी ढंग से मदद करने के साथ ही भयंकर बीमारियों, जैसे कोविड, कैंसर, एड्स, मधुमेह (डायबीटिज), एलजाइमर, लकवा आदि के टीकों एवं दवाओं के शोध में भी काफी मदद की है।
भारत अब विज्ञान और उन्नत तकनीकी के क्षेत्र में अपने नए आविष्कारों के माध्यम से तेजी से विकास करने वाला देश बन गया है। विज्ञान और तकनीक आधुनिक लोगों की आवश्यकता और जरूरतों को पूरा करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आजादी के बाद, देश के राष्ट्रीय विकास के लिए हमारे देश ने विज्ञान और तकनीक के प्रसार और विस्तार को बढ़ावा देना शुरू किया है। सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों ने पूरे देश में आत्मनिर्भरता, टिकाऊ विकास और वृद्धि पर जोर दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी दोनों ने ही देश में असाधारण ढंग से आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को उन्नत करने का कार्य किया है। यदि विज्ञान और तकनीक को एक सेवक के रूप में उपयोग किया जाए तो यह जगत के लिए लाभकारी है। किन्तु यदि इसे एक शासक के रूप में प्रयोग किया जाए तो यह विनाशकारी बन जाता है ।