शिक्षण तकनीकी की पाठ्यवस्तु (Content of Teaching Technology ) – शिक्षण तकनीकी की पाठ्यवस्तु को आई. के. डेवीज तथा रॉबर्ट ग्लेसर ने मुख्य चार तत्वों में विभाजित किय है। आई. के. डेवीज के चार तत्व, शिक्षण - तकनीकी के स्वरूप को इस प्रकार प्रस्तुत करते हैं
(1) शिक्षण नियोजन ( Planning of Teaching) – इसके अंतर्गत पाठ्य वस्तु , शिक्षण उद्देश्यों की पहचान, शिक्षण उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप में लिखना आदि क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।
(2) शिक्षण व्यवस्था (Organization of Teaching) – इसके अंतर्गत शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समुचित शिक्षण-आव्यूहों (Strategies) तथा प्रविधियों का चयन करना, अनुदेशन के नियमों का निर्धारण करना आदि क्रियाओं को सम्मिलित किया गया है ।
(3) शिक्षण का अग्रसरण (Leading Teaching ) – इस सोपान के अंतर्गत समुचित सम्प्रेषण विधियों का चयन, अभिप्रेरणा की प्रविधियों का चयन, चयनित विधियों एवं प्रविधियों का उपयोग, जिससे अपेक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सके, छात्र शिक्षक से समुचित संबंध स्थापित करना आदि क्रियाओं को सम्पादित किया गया है ।
(4) शिक्षण का नियंत्रण (Controlling of Teaching) – इसका तात्पर्य मूल्यांकन से है कि कहाँ तक अधिगम उद्देश्य की प्रापित हो सकती है। इसके लिए शिक्षक एक मानदण्ड परीक्षा का निर्माण करता है। छात्र की उपलब्धियाँ शिक्षक एवं छात्र को पुनर्बलन प्रदान करती है । इन क्रियाओं के अतिरिक्त शिक्षण सिद्धांत, शिक्षण प्रतिमान, शिक्षण स्तर, शिक्षण आव्यूह तथा युक्तियों को भी शिक्षण तकनीकी की पाठ्यवस्तु में सम्मिलित किया जाता है।