शिक्षण तकनीकी को अंग्रेजी भाषा में "Teaching Technology' या 'Technology of Teaching के नाम से भी जाना जाता है। यह दो शब्दों के योग से बना है— शिक्षण (Teachning) + तकनीकी (Technology ) । शिक्षण वह माध्यम है जिससे शिक्षक अपने विचारों, भावों को विद्यार्थियों में बीजारोपित करके अपनी अध्यापन प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाता है।
शिक्षण जितना अधिक प्रभावशाली होता है, उतनी ही अधिक विद्यार्थियों की बौद्धिक एवं ज्ञानात्मक उन्नति होती है।
व्यवहार में परिवर्तन परिलक्षित होता है। अतएव शिक्षण ज्ञान, विचार, अनुभव प्रगति का महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे व्यवहार में परिवर्तन होता है।
इस तरह हम कह सकते हैं कि अध्यापक अपने शैक्षिक व्यवसाय को प्रभावशाली बनाने के लिए विद्यार्थियों के व्यवहार में आवश्यकतानुसार बदलाव लाने के लिए जब मनोविज्ञान एवं यन्त्रीकृत, सिद्धान्तों, साधनों पर आधारित विविध ज्ञान, अनुभव, कौशल एवं क्रियाविधि को स्वयं के अध्यापन में प्रयुक्त करता है तो इसे शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology) कहा जाता है।