(i) धात्विक एवं आयनिक क्रिस्टलों में समानता :
(a) धात्विक और आयनिक क्रिस्टलों में अन्तर आयन आकर्षण बल होता है। आयनिक क्रिस्टलों में विपरीत आयनों के मध्य आकर्षण बल होता है।
धातुओं संयोजी इलेक्ट्रॉन के स्वतन्त्र होने के कारण धनायन उत्पन्न होता है जिसके कारण आकर्षण बल उत्पन्न होता है। अतः इनके गलनांक उच्च होते हैं ।
(b) दोनों प्रकार के क्रिस्टल अदिश होते हैं ।
असमानता का आधार :
(a) आयनिक क्रिस्टल में आयन स्वतन्त्र रूप से गति नहीं करते अतः वे ठोस अवस्था में भी विद्युत् का चालन नहीं करते। ऐसा केवल गलित या द्रव अवस्था में सम्भव है। जब आयन स्वतन्त्र रूप से गति कर सकते हैं ।
धातुओं में संयोजी इलेक्ट्रॉन स्वतन्त्र गति कर सकते हैं अतः ठोस अवस्था में भी धातु विद्युत् के चालक होते हैं। (b) आयनिक आबन्ध प्रबल होता है, जबकि धात्विक आबन्ध दुर्बल होता है।
(iii) आयनिक आबन्ध कठोर होते हैं क्योंकि विपरीत आवेशित आयनों के मध्य प्रबल बल होता है। आयनिक ठोस भंगुर होते हैं क्योंकि आयनिक आबन्ध आदिश होते हैं I