गॉस के प्रमेय सम्बन्धी महत्वपूर्ण बातें निम्नवत् हैं
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गॉस के प्रमेय सम्बन्धी महत्वपूर्ण बातें निम्नवत् हैं

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(i) गॉस की प्रमेय सभी बंद पृष्ठों के लिये सत्य है, चाहे उन पृष्ठों का आकार अथवा आकृति कुछ भी हो। 

(ii) गॉस की प्रमेय, (समीकरण 2.05) में पद १ पृष्ठ द्वारा परिबद्ध सभी आवेशों का योग है। बंद पृष्ठ के अन्दर आवेश कहीं पर भी स्थित हो सकते हैं।

(iii) गॉस के नियम के लिये जिस पृष्ठ का चयन किया जाता है, उसे गॉसीय पृष्ठ कहते हैं। गॉसीय पृष्ठ का चयन करते समय यह सावधानी अवश्य लेनी चाहिये कि यह पृष्ठ किसी विविक्त (discrete) आवेश से न गुजरे।

 (iv) कुछ परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार जब ऐसे गॉसीय पृष्ठ का चयन किया जाता है जिसमें कुछ आवेश पृष्ठ के अन्दर तथा कुछ इसके बाहर हों, तब विद्युत क्षेत्र तो पृष्ठ के भीतर तथा बाहर स्थित सभी आवेशों के कारण होता है, परन्तु गाँस की प्रमेय (समीकरण 2.05) में पद q केवल गॉसीय पृष्ठ के अन्दर का आवेश ही निरूपित करता है।

(v) गॉस की प्रमेय का सर्वाधिक व्यापक उपयोग सममित आवेश विन्यासों के लिये ही होता है (जैसे— अनन्त आकार के सीधे- आवेशित चालक, अनन्त विस्तार की आवेश की चादर, आदि के कारण विद्युत क्षेत्र ज्ञात करने में)।

 (vi) गॉस की प्रमेय तथा कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग का नियम परस्पर तुल्य है। गॉस की प्रमेय का कोई भी अपवाद व्युत्क्रम वर्ग नियम से विचलन का संकेत देता है।

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