(a) नहीं। दो अदिशों को जोड़ना अर्थ पूर्ण नहीं है क्योंकि एक ही प्रकृति के दो अदिशों का ही योग किया जा सकता है।
(b) नहीं, किसी अदिश में उसी विमा के सदिश का संकलन अर्थपूर्ण नहीं है क्योंकि एक ही विमा के अदिशों का संकलन किया जा सकता है।
एक अदिश एक सदिश के साथ संकलित नहीं किया जा सकता ।
(c) किसी सदिश का अदिश से गुणा सार्थक है। जब किसी सदिश को अदिश के साथ गुणा करते हैं तो अदिश बार सदिश प्राप्त होता है तो कि सदिश का परिमाण देता है।
अर्थात् जब त्वरण 7 को द्रव्यमान m से गुणा करते हैं तो हमें बल f = mā प्राप्त होता है जो कि एक सार्थक प्रक्रिया है।
(d) हाँ, दो अदिशों का गुणा एक सार्थक परिणाम देता है। उदाहरणस्वरूप जब शक्ति P को समय से गुणा करते हैं तो कार्य W = Pt प्राप्त होता है जो कि एक उपयोगी बीजगणितीय प्रक्रिया है। =
(e) नहीं, क्योंकि एक ही विमा के दो सदिशों ( एक ही प्रकृति के) को ही संकलित किया जा सकता है। अतः किन्हीं दो सदिशों का संकलन महत्वपूर्ण बीजगणितीय प्रक्रिया नहीं है।
(f) हाँ, एक सदिश में उसी के घटक को जोड़ा जा सकता है क्योंकि वह दोनों सदिश एक ही प्रवृत्ति के होते हैं अर्थात् समान विमा के । उदाहरणार्थ किसी वेग का घटक उसमें जोड़ा जा सकता है।