(a) किसी बिन्दु पर स्थिर विद्युत बल रेखा वह पथ है जिसके प्रत्येक बिन्दु पर स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा बताती है।
विद्युत-क्षेत्र की दिशा एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर बदल जाती है।
अतः बल रेखाएँ सामान्यत: वक्र रेखाएँ होती हैं। इसके अतिरिक्त वह सतत वक्र होती है जो अचानक नहीं टूटतीं क्योंकि यदि ऐसा है तो टूटने के स्थान पर कोई विद्युत क्षेत्र नहीं दर्शाएगी।
(b) विद्युत - बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटती क्योंकि यदि ऐसा है तो कटान बिन्दु पर हम दो स्पर्श रेखाएँ खींच सकते हैं जो उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशायें प्रदर्शित करेंगी। यह सम्भव नहीं है ।