आज भी पुत्री का जन्म शोक का विषय बना हुआ है। अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से गर्भ में ही शिशु (भ्रूण) के लिंग की जानकारी प्राप्त हो जाती है।
पुत्री के जन्म की संभावना के कारण गर्भ में ही उसकी हत्या कर दी जाती है। इसे ही कन्या-भ्रूणहत्या (Female Feticide) कहते हैं।
इसे रोकने के लिए कानून बन चुके हैं, परंतु अभी तक आशातीत सफलता नहीं मिली है। अंततः कह सकते हैं कि इस पर रोक के लिए कानून (Law) के साथ-साथ लोगों की सोच भी बदलनी होगी।