कूका आंदोलन को गुरु रामसिंह (Guru Ram Singh) संगठित किया ।
कूका आंदोलन वहाबी आंदोलन से बहुत कुछ मिलता-जुलता था। से दोनों धार्मिक आंदोलन के रूप में आरंभ हुए किंतु बाद में ये राजनीतिक आंदोलन के रूप में परिवर्तित हो गए, जिसका सामान्य उद्देश्य अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना था।
पश्चिमी पंजाब में कूका आंदोलन की शुरुआत 1840 ई. में भगत जवाहर मल द्वारा की गई, जिन्हें मुख्यतः सियान साहब के नाम से पुकारा जाता था। ।
गुरु रामसिंह ने कूका आंदोलन को संगठित किया तथा जुझारू बनाया। इनका उद्देश्य सिख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अंधविश्वासों को दूर कर इस धर्म को शुद्ध करना था।
1872 ई. ई. में इस आंदोलन के एक नेता रामसिंह को रंगून निर्वासित कर दिया गया। जहां इनकी 1885 ई. में मृत्यु , हो गई।