प्रथम विश्व युद्ध (First World War) 1918 ई० में समाप्त हुआ।परन्तु इस युद्ध की विभीषिका से उत्पन्न समस्याएँ विजित राष्ट्रों के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए चुनौति भरी थी। युद्ध के उपरांत संसार के सभी नेताओं की इच्छा थी कि विश्व में शांति की स्थापना हो। यद्यपि इस समय तक यूरोप(Euorope) में किसी ऐसी प्रभावशाली संस्था का अभाव था, जो पारस्परिक वार्तालाप के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रों के झगड़ों का समाधान कर युद्ध को टालने का सार्थक प्रयास करती। अतः युद्ध के आरम्भ से ही इंग्लैण्ड, फ्रांस, अमेरिका आदि देशों ने इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था का गठन हो। परन्तु युद्ध के तनाव भरे माहौल में यह संभव नहीं था। अतएव 1919 ई० में युद्ध की समाप्ति के उपरांत पेरिस में हुए शांति-सम्मेलन में राष्ट्र-संघ की स्थापना की नींव पड़ी। इसका मुख्य श्रेय अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन को जाता है, जिन्होंने अपने 14 सूत्री प्रस्तावों में किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की अनिवार्यता पर बल दिया। अंततः विभिन्न योजनाओं को मिलाकर 10 June 1920 ई० को राष्ट्रसंघ (League Of Nation) अस्तित्व में आया।