बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट (Habeas Corpus Writ) दोषपूर्ण पुलिस नजरबंदी से सुरक्षा के लिए जारी किया जाती है।
भारतीय संविधान के भाग तीन में अनुच्छेद →12-35 तक मौलिक अधिकार से संबंधित है।
मौलिक अधिकारों के लिए संविधान के अनुच्छेद →32 के अधीन संवैधानिक उपचार का अधिकार दिया गया है।
अनुच्छेद →32 के अधीन उच्चतम न्यायालय एवं अनुच्छेद →226 के तहत उच्च न्यायालय पांच प्रकार के रिट जारी कर सकता है।
मानव की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट उच्चतम और उच्च न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है।
मौलिक अधिकार का संरक्षक उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) है।