रेशम मार्ग का व्यापार में महत्व लिखें। Resham Marg Ka Vyapar Mein Mahatva Likhen.
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रेशम मार्ग का व्यापार में महत्व लिखें। Resham Marg Ka Vyapar Mein Mahatva Likhen.

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रेशम मार्ग (सिल्क रूट) का व्यापार में महत्त्व (Importance Of Silk Route In Trade) :  ईसा की आरंभिक सदियों में सबसे प्रमुख व्यापारिक मार्ग रेशम मार्ग था। इसे रेशम मार्ग इसलिए कहा जाता था; क्योंकि इसी मार्ग द्वारा चीनी रेशम विभिन्न देशों तक ले जाया जाता था। 

रेशम मार्ग चीन (China) से आरंभ होकर जमीनी मार्ग द्वारा मध्य एशिया होते हुए यूरोप (Europe) तक जाता था। मध्य एशिया से इसकी एक शाखा भारत की ओर आकर यहाँ के विख्यात व्यापारिक मार्ग उत्तरापथ से मिल जाती थी। 

इसी प्रकार, समुद्री रेशम मार्ग द्वारा भी एशिया, यूरोप और अफ्रीका का एक बड़ा भाग व्यापारिक संपर्क बनाए हुए था। तत्कालीन व्यापारिक जगत में इस मार्ग की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। चीनी रेशम के अतिरिक्त चीनी मिट्टी के बरतन, भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के वस्त्र, मसाले, सुगंधित पदार्थ विश्व के विभिन्न भागों, विशेषत: यूरोप तक ले जाए जाते थे। इन वस्तुओं की पश्चिमी जगत में बहुत अधिक माँग थी । 

व्यापारी इन्हें यूरोपीय बाजारों में ऊँची कीमत पर बेचकर वहाँ से सोना-चाँदी जैसी बहुमूल्य धातु प्राप्त करते थे। व्यापार के साथ-साथ इस मार्ग द्वारा सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ। इसी मार्ग से बौद्ध धर्म का प्रचार मध्य एशिया और अन्य स्थानों में हुआ। 

ईसाई और इस्लामी धर्मप्रचारकों ने भी इसी मार्ग के द्वारा अपने-अपने धर्म का प्रचार विश्व के विभिन्न भागों में किया। इस मार्ग से सटे हुए अनेक नगर और बंदरगाह विकसित हुए। 15वीं शताब्दी तक यह मार्ग एशिया को यूरोप से जोड़नेवाला प्रमुख व्यापारिक मार्ग बना रहा।

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