पटना शैली के प्रसिद्ध चित्रकार राधामोहन बाबू का जन्म पटना में हुआ। वे पटना चित्र शैली की ऐसी अंतिम कड़ी थे, जिसने भविष्य के कलात्मक विकास के लिए एक पक्का, स्थायी और उपजाऊ भूमि तैयार कर दी। उन्होंने पटना में कला और शिल्प महाविद्यालय की स्थापना कर पूरे राज्य में कलात्मक पुनर्जागरण की चेतना को व्यापक ऊँचाई प्रदान की। वे पटना शैली के प्रसिद्ध चित्रकार महादेव लाल के शिष्य थे। राधामोहन बाबू और उपेन्द्र महारथी दृश्यक्षेत्र तथा आकृति के चित्रकार थे।