चन्द्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) साम्राज्य का संस्थापक और इस वंश का महानत्तम शासक था। चन्द्रगुप्त अपने गुरु चाणक्य की सहायता से नंद वंश का नाश करके मौर्य वंश की स्थापना किया था।
उसका शासन व्यवस्था अतिकेन्द्रीकृत किन्तु जन-कल्याण पर आधारित था। उसने न सिर्फ पूरे भारत में साम्राज्य विस्तार किया बल्कि एक सुव्यवस्थित शासन व्यवस्था की नींव डाली।
उसका साम्राज्य विस्तार उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में आधुनिक कर्नाटक तक तथा पूर्व में बंगाल से लेकर पश्चिम में काठियावाड़ तक विस्तृत था।
उसके द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था पूरे मौर्यकाल और उसके बाद के शासकों द्वारा अपनाया गया। मौर्य शासन में सत्ता का केंद्र बिन्दु सम्राट था।
इसकी सहायता के लिए मंत्रिपरिषद का गठन किया गया। न्याय व्यवस्था काफी कठोर थी।
राज्य की सुरक्षा हेतु एक विशाल सेना का गठन किया गया। इसके अलावे राजस्व व्यवस्था प्रांतीय शासन, नगर प्रशासन आदि को भी सुव्यवस्थित किया गया।