प्यार से जन-जन जीवन जीते हैं। एक-दूसरे को प्यार करते हैं। क्रोध की तलवार से पूँजीपति मारे जाएँगे। एक तरफ जन-शोषित। शोषकों के खिलाफ शोषितों की लड़ाई इस धरती पर हमेशा से चलती रही है। जन-संघर्ष करने : वाले श्रमजीवी प्यार से रहते हैं। जब वो क्रोधित हो जाएँगे तो धरती पर से पूँजीपतियों का नाश हो जाएगा।