वर्साय की संधि को हिटलर के उत्थान का प्रमुख कारण बत्तलाया जाता है।
यह संधि जर्मनी की दृष्टि से अत्यंत कठोर एवं अपमानजनक संधि थी।
इस संधि के प्रति जर्मन जनता में तीव्र असंतोष था और हिटलर इस संधि का प्रबल विरोधी था।
इस संधि के परिणामस्वरूप जर्मनी की स्थिति इतनी दयनीय हो गयी कि सारा देश निराश हो गया था ।
यह निराशा पुराने लोगों तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि जर्मन युवक भी अपने राष्ट्रीय संकट से पूर्णरूपेण अभिज्ञ होते हुए भी अपनी पितृभूमि के पुनरोदभव के लिए व्याकुल थे।
वे अनुभव करते थे कि जर्मनी के दु:खों का एकमात्र कारण वर्साय-संधि है, जिससे जर्मन राष्ट्र का घोर अपमान और उसके साथ महान् अन्याय हुआ था।
वर्साय-संधि जर्मनी के माथे पर काले धब्बे के समान था।
जर्मन लोग अपने गौरव को पुनः प्राप्त करना चाहते थे और वे एक ऐसे नेता की खोज में थे, जो देश के अपमान को धोकर उसके राष्ट्रीय गौरव का पुनरुत्थान कर सके।