शिक्षण-अधिगम के लिए अध्यापक शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है। इन कार्यक्रमों में शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें शिक्षण के लिए तैयार किया जाता है। अब प्रशिक्षण देने में उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनुदेशन प्रक्रिया को भी सिखाया जाता है। शिक्षा की प्रणाली अध्यापक शिक्षा संस्थाओं की प्रशिक्षण प्रक्रिया पर निर्भर होती है कि किस प्रकार के अध्यापकों को तैयार करती है।
सैद्धान्तिक दृष्टि से ए. एस. बार ने अध्यापक शिक्षा के कार्यक्रमों के तीन मानदण्ड दिए प्रवेश का मानदण्ड, अध्ययन हेतु पाठ्यक्रम तथा अध्यापक शिक्षा की व्यवस्था प्रक्रिया। यह मानदण्ड अथवा पक्ष अध्यापक से उद्देश्यों पर आधारित है। उद्देश्य बदलते रहते हैं इसलिए अध्ययन की पाठ्य-वस्तु भी बदल जाती है, क्योंकि पाठ्य-वस्तु उद्देश्यों की प्राप्ति का माध्यम होता है। शिक्षा सामाजिक परिवर्तन नियन्त्रण का शक्तिशाली यन्त्र है।
शिक्षा की प्रक्रिया का सम्पादन शिक्षक द्वारा किया जाता है। तथा राष्ट्रीय तथा सामाजिक विकास के लिए अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम की पुनः रचना की जाती है। भारत में अनेक आयोग तथा समितियों का गठन हुआ और अध्यापक शिक्षा के सम्बन्ध में संस्तुतियाँ की गई हैं। अभी हाल ही में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986' ने अध्यापक शिक्षा के कार्यक्रम सुधार के सुझाव दिए और 'राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्' का गठन किया गया।