भारत के नागरिकों के लिए कुछ मौलिक कर्तव्य निर्धारित किये गये हैं। मूल संविधान में नागरिकों के कर्तव्यों की चर्चा नहीं थी। परन्तु संविधान के 42वें संशोधन के अनुसार नागरिकों के निम्न कर्तव्य निश्चित किये गये हैं
1. संविधान का पालन करना तथा उसके अर्थ, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना।
2. स्वतंत्रता की लड़ाई में राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करनेवाले आदर्शों को हृदय में स्थान देना और उसका पालन करना ।
3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना।
4. देश की रक्षा करना और राष्ट्र की पुकार होने पर उसकी सेवा करना।
5. धर्म, भाषा, प्रदेश, वर्ग आदि पर आधारित भेदभाव को दूर रखते हुए भ्रातृत्व की भावना जगाना, साथ ही, ऐसी प्रथाओं का त्याग करना, जो स्त्रियों के सम्मान के विरूद्ध हो ।
6. भारतीय सामाजिक, संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझना और उसकी रक्षा करना।
7. वन, झील, नदी और वन्य जीवों की रक्षा करना, उनका संवर्द्धन करना तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखना।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करना।
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना । 10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करना, जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाईयों को छू सके। 11. 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चे को विद्यालय जाने का अवसर देना प्रत्येक माँ बाप का कर्तव्य ।