बर्फ का गलनांक = 273K एथिल ऐल्कोहॉल का गलनांक डाइएथिल ईथर का गलनांक = 155.7 K = 156.8 K मेथेन का गलनांक = 90.5 K जिन क्रिस्टल का गलनांक उच्च होता है उनमें अवयव आपस में प्रबल आयन से जुड़े होते हैं अतः ऐसे क्रिस्टल अधिक स्थाई होते हैं।
बर्फ और एथिल ऐल्कोहॉल में हाइड्रोजन आबन्ध होने के कारण गलनांक उच्च होते हैं।
बर्फ का गलनांक एथिल ऐल्कोहॉल से अधिक होता है क्योंकि बर्फ से जल अणुओं के मध्य प्रबल हाइड्रोजन आबन्ध होता है।
डाइएथिल ईथर एक ध्रुवीय अणु है डाइएथिल ईथर अणु के मध्य ध्रुवीयध्रुवीय आकर्षण होता है।
जबकि मेथेन एक अध्रुवीय अणु है, इनमें अणुओं के मध्य दुर्बल वाण्डरवाल आबन्ध होता है अतः मेथेन का गलनांक कम होता है।