दिये गये कथन कि कोलाइड एक पदार्थ नहीं पदार्थ की अवस्था है सत्य कथन है।
क्योंकि कोई पदार्थ कुछ शर्तों पर कोलॉइड अवस्था ग्रहण करता है जबकि अन्य शर्तों पर वह क्रिस्टल के रूप में हो सकता है। उदाहरण - जल में NaCl क्रिस्टलन की भाँति कार्य करता है और एक वास्तविक विलयन बनाता है जबकि बेंजीन में कोलॉइड की भाँति व्यवहार करता है। इसी प्रकार साबुन कम सान्द्रता पर क्रिस्टल की भाँति व्यवहार करता है तथा उच्च सान्द्रता पर कोलॉइड की भाँति । अतः यह पदार्थ के आकार पर निर्भर करता है। यदि अवयव का आकार 1 nm से 100 nm के मध्य है तो यह कोलॉइडी अवस्था है।
दूसरी ओर यदि अवयव का आकार 100nm से अधिक है अवक्षेप के रूप में और यदि 1 nm से कम तब यह वास्तविक विलयन के रूप में व्यवहार करता है।
इसलिए हम कह सकते हैं कि कोलॉइडी अवस्था वास्तविक विलयन और अवक्षेप के मध्य की अवस्था है ।