पूँजीपति एवं श्रमिक वर्ग के साथ-साथ शहरों में मध्यम वर्ग (Middle Class) का भी उदय और विकास हुआ।
ये नए सामाजिक समूह के रूप में उभरे। इस समूह में बुद्धिजीवी, नौकरी-पेशा समूह, राजनीतिज्ञ, चिकित्सक, व्यापारी प्रमुख थे।
व्यावसायिक वर्ग नगरों के विकास का प्रमुख कारण बना। जिससे शहरों (Cities) को नया सामाजिक-आर्थिक स्वरूप प्राप्त हुआ।
बुद्धिजीवी एवं राजनीतिक वर्ग ने नया राजनीतिक-सामाजिक चिंतन दिया तथा विभिन्न आंदोलनों को दिशा एवं नेतृत्व प्रदान किया।