कार्य नगरों के उदय और विकास का आधार है। प्रत्येक नगर या शहर अनेक प्रकार के कार्य करता है और विशेषीकृत सेवाओं का निष्पादन करता है।
कुछ नगरों को कुछ निश्चित कार्यों में विशिष्टता प्राप्त होती है और उन्हें कुछ विशिष्ट क्रियाओं, उत्पादनों या सेवाओं के लिए जाना जाता है।
प्रमुख अथवा विशेषीकृत कार्यों के आधार पर नगरों को मोटे तौर पर निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जाता है—
i. प्रशासनिक नगर और शहर : उच्चतर स्तर के प्रशासनिक मुख्यालयों वाले शहरों को प्रशासनिक नगर कहते हैं।
जैसे— नई दिल्ली, चंडीगढ़, गाँधीनगर, गुवाहाटी इत्यादि।
ii. औद्योगिक नगर : जिन नगरों में औद्योगिक कार्य की प्रधानता है, उन्हें औद्योगिक नगर कहते हैं।
जैसे— जमशेदपुर, मुंबई, कोयंबटूर आदि।
iii. परिवहन नगर : परिवहन कार्य की प्रधानता वाले रेलवे या सड़क जंक्शन, पत्तन इत्यादि परिवहन नगर कहलाते हैं।
जैसे— कांडला, मुगलसराय आदि।
iv. व्यापारिक नगर : व्यापार और वाणिज्य में विशिष्टता प्राप्त नगर इस कोटि में आते हैं।
जैसे— कोलकाता, सहारनपुर, सतना इत्यादि ।
v. खनन नगर : खनन क्षेत्रों में विकसित रानीगंज, झरिया, डिगबोई इत्यादि इस वर्ग में आते हैं।
vi. गैरिसन (छावनी नगर) : फौजी छावनी के रूप में विकसित अंबाला, उधमपुर, दानापुर इत्यादि इस प्रकार के नगर हैं।
vii. धार्मिक और सांस्कृतिक नगर : धार्मिक या सांस्कृतिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध इत्यादि इस वर्ग के नगर हैं।
जैसे— वाराणसी, मथुरा, हरिद्वार
viii. शैक्षणिक नगर : शिक्षा केंद्रों के रूप में विकसित अलीगढ़, वाराणसी, ऑक्सफोर्ड इत्यादि शैक्षणिक नगर हैं।
ix. पर्यटन नगर : नैनीताल, मसूरी, शिमला, ऊटी इत्यादि पर्यटन के लिए मशहूर हैं।