1866 ईस्वी में भारतीय समस्या के बारे में चर्चा करने और भारतीय कल्याण को बढ़ाने हेतु ब्रिटिश लोक अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए लन्दन में ईस्ट इण्डिया एसोशिएशन (East India Association) की स्थापना दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Nairoji) ने किया।
दादाभाई नौरोजी के द्वारा ही धन निष्कर्षण का सिद्धान्त दिया गया था। दादाभाई नौरोजी को भारत का आशा और भारतीय ग्लैडस्टन कहा जाता है। इन्हें भारत का वयोवृद्ध नेता भी कहा गया है। लंदन ईस्ट इण्डिया एसोशिएशन की स्थापना भी दादाभाई नौरोजी ने किया।
दादाभाई नौरोजी फिन्सबरी से उदारवादी पार्टी (Liberal Party) के टिकट पर हॉऊस ऑफ कॉमन्स सभा का चुनाव जीते थे। ऐसा जीत हासिल करने वाले प्रथम नेता दादाभाई नौरोजी ही थे। 1886, 1893 और 1906 ई० में काँग्रेस की अध्यक्षता दादाभाई नौरोजी द्वारा किया गया था।
ब्रिटिश संसद के लिए चुनाव लड़ने वाला प्रथम नेता व्योमेश चन्द्र बनर्जी (Vyomesh Chandra Banerjee) थे।