आभासी नमन कोण : पृथ्वी की सतह पर स्थान-स्थान पर नमन-कोण बदलता रहता है। इस कथन की व्याख्या पृथ्वी को चुंबक मानकर की जा सकती है। अधिक स्पष्ट रूप में इस प्रकार कहा जा सकता है कि पृथ्वी के केंद्र पर एक छोटा छड़-चुंबक रखा हुआ है जिसका अक्ष पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष से 17° का कोण बनाता है।
जब नमन-सूई को एक ध्रुव की ओर ले जाते हैं तब इसके उत्तरी ध्रुव की पार्थिव चुंबक के ध्रुवों से दूरी बदलती जाती है। परिणामस्वरूप, स्थान-स्थान पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र भी बदलता जाता है।
इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि परिणामी चुंबकीय क्षेत्र के बदलने से क्षैतिज क्षेत्र एवं सूई के चुंबकीय अक्ष के नमन-कोण कहते हैं, बदलता है।