गुट-निरपेक्षता (Non-alignment) का उदय ऐसे समय हुआ था जब दुनिया शीत युद्ध के दौर से गुजर रहा था और यह दो गुटों में बँटा हुआ था।
ऐसी स्थिति में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की नीति दोनों गुटों से समान दूरी बनाये रखकर विकासशील देशों गरीब देशों को एक नया मंच प्रदान किया।
जिससे उसके आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक प्रगति होता रहे। इसलिए गुट-निरपेक्षता एक नकारात्मक नीति न होकर सकारात्मक नीति है।