राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्णन करें। Rajya Stariy Sansthagat Vittiya Strot Ke Karyon Ka Varnan Karen.
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राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्णन करें। Rajya Stariy Sansthagat Vittiya Strot Ke Karyon Ka Varnan Karen.

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राज्य के संस्थागत वित्तीय स्रोतों में व्यावसायिक बैंक, सहकारी बैंक, भूमि विकास बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महत्त्वपूर्ण हैं।

इनका मुख्य कार्य उद्योग, व्यापार एवं कृषि की साख-संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है।

बिहार में वित्त संस्थागत स्रोतों में व्यावसायिक बैंक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

राज्य के कुल ऋण वितरण का लगभग 65 प्रतिशत इन्हीं के माध्यम से होता है।

व्यावसायिक बैंक कृषि एवं उद्योग दोनों ही क्षेत्रों को ऋण प्रदान करते हैं, जबकि क्षेत्रीय बैंक तथा सहकारी संस्थाएँ मुख्यतया कृषि एवं ग्रामीण साख की व्यवस्था करती हैं।

सहकारी संस्थाओं को कृषि साख का आदर्श स्रोत माना जाता है।

परंतु, बिहार में सहकारी समितियों के पास साधनों का अभाव है, इनका प्रबंध एवं संचालन दोषपूर्ण है तथा राज्य के कृषि ऋण में सहकारी संस्थाओं की हिस्सेदारी मात्र 10 प्रतिशत है।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को साख प्रदान करना है।

इन बैंकों की कार्य-पद्धति व्यावसायिक बैंकों के समान ही है, लेकिन इनका कार्यक्षेत्र अपेक्षाकृत सीमित है। 

बिहार में 5 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं तथा इनमें प्रत्येक बैंक राज्य के एक विशेष क्षेत्र में सेवा प्रदान करता है।

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