बालक सर्वप्रथम स्वयं के द्वारा फिर परिवार के सदस्यों के सानिध्य में पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त करते हैं। बालक शिक्षा द्वारा पर्यावरण का ज्ञान हासिल करता है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के भीतर शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक वृद्धि करना तथा परिपक्वता लाना है।
शिक्षा के उद्देश्यों के लिए बच्चे को प्राकृतिक वातावरण के ज्ञान से भली भाँति अवगत कराना आवश्यक है।
प्राकृतिक वातावरण के विषय में ज्ञानार्जन की परंपरा भारतीय संस्कृति में प्रारंभ से ही रही है। इसका ज्ञान प्राप्त कर व्यक्ति इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर सकता है।