1. छात्रों का सर्वांगीण विकास करना।
2. सभ्यता व संस्कृति का हस्तांतरण व विकास करना।
3. बालक का नैतिक व चारित्रिक विकास करना।
4. बालक की मानसिक शक्तियों का विकास करना।
5. बालक की रचनात्मक व सृजनात्मक शक्तियों का विकास करना।
6. बालक में गतिशील व लचीले मस्तिष्क का निर्माण करना।
7. खोज की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना ।
8. बालक को भावी जीवन के लिए तैयार करना।
9. शैक्षिक प्रक्रिया का स्वरूप निर्धारित करना ।
10. बालकों की क्षमता, योग्यता व रुचि का विकास करना।
11. बालकों में लोकतांत्रिक भावना का विकास करना, तथा
12. बालकों की विचार, तर्क एवं निरीक्षण-शक्ति का विकास करना।