पृष्ठपोषण (Feedback)–पाठ्यक्रम विकास की चक्रीय प्रक्रिया का चौथा व अन्तिम चरण है—पृष्ठपोषण, पृष्ठपोषण मूल्यांकन का प्रभाव होता है अर्थात् मूल्यांकन के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। मूल्यांकन के द्वारा हम वस्तुस्थिति का अनुमान लगाते हैं तथा उसी के अनुसार शिक्षकों व छात्रों को पृष्ठपोषण प्रदान किया जाता है। पृष्ठपोषण के द्वारा ही पाठ्यक्रम के प्रारूप को सुधार के लिये दिशा प्राप्त होती है और इस प्रकार यह चक्र निरंतर चलता है। इस चक्रीय प्रक्रिया को निम्नांकित चित्र के द्वारा भी समझा जा सकता है।