समस्त जीवन व्यापार बातचीत पर निर्भर है। घर में और घर के बाहर, व्यापार में या व्यवसाय में बातचीत द्वारा ही कार्य होता है। जीवन के प्रत्येक व्यापार में बातचीत सफलता की कुँजी है। बातचीत असम्भव बात को सम्भव बनाने में सहायक है।
वास्तविकता तो यह है कि बोलचाल स्वयं में एक कला है। बाजार में, कार्यालय में, संभाषण में, यात्रा में, कहीं भी जायें, हमारे प्रतिदिन का अधिकांश समय बोलचाल में ही बीतता है।
दूसरे शब्दों में परिवार, मित्र मण्डली, सामाजिक सम्पर्क के स्थान ऐसे स्थल हैं जहाँ वाणी का प्रयोग किया ही जाएगा। इसी प्रकार व्यक्ति के दैनिक जीवन में बातचीत सबसे अधिक समय लेती है और यही प्रमुख सहारा है।