जब हम विज्ञान के अवलोकन, पहचानना, वर्णन करना, प्रयोगात्मक खोज तथा प्राकृतिक घटनाओं के माध्यम से प्राप्त किए गए ज्ञान को शामिल करते हैं तो जो लोग चमड़े का कार्य करते हैं वह कार्य निश्चित रूप से विज्ञान ही माना जाएगा।
इसी प्रकार बुनाई करने वाले, बाल काटने वाले, काश्तकार आदि का ज्ञान भी उनका कौशल माना जाएगा। पुराने समय की सामाजिक परिस्थितियों के चलते व संसाधनों के नियंत्रण के आधार पर वर्ग विशेष के ज्ञान को ही औपचारिक ज्ञान माना जाता था।