लेनिन (Lenin) की सरकार ने आर्थिक सुधारों के अतिरिक्त हुआ है। बाह्य संबंधों की ओर भी ध्यान दिया। जार के समय से चली आ रही है विदेश नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए। जो इस प्रकार हैं :
1. सर्वप्रथम, लेनिन रूस के जार अथवा केरेन्सकी सरकार द्वारा विदेशों के साथ की गई सभी गुप्त संधियों को भंग कर दिया।
2. अब सोवियत संघ में राष्ट्रीयता का सिद्धांत लागू किया गया। सोवियत संघ में रहनेवाली सभी पराधीन जातियों को स्वतंत्र कर उन्हें स्वायत्तता प्रदान की गई।
3. जर्मनी के साथ चलनेवाला युद्ध सन् 1918 ई० में ब्रेस्टलिटोवस्क की संधि द्वारा समाप्त कर दिया गया। यद्यपि इस संधि से सोवियत संघ को क्षति हुई, परंतु तत्कालीन स्थिति में यह आवश्यक था।
4. लेनिन ने साम्राज्यवादविरोधी नीति अपनाई। उसने वैसे सभी देशों को सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया जो उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के विरुद्ध संघर्षरत थे, तथापि उसने अन्य राष्ट्रों के साथ सहयोग एवं शांति की नीति भी अपनाई।
सन् 1921 ई० में उसने इंगलैंड के साथ एक व्यापारिक संधि की। चीन एवं अफगानिस्तान के साथ भी उसने सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए।
5. लेनिन की एक प्रमुख उपलब्धि थी। थर्ड इंटरनेशनल एवं कौमिन्टन की स्थापना करना। मार्क्सवाद का प्रचार करने के लिए सभी देशों की साम्यवादी पार्टियों का एक संघ बनाया गया।
इसका मुख्य कार्य विश्व में क्रांति का प्रचार करना एवं साम्यवादियों की सहायता करना था। लेनिन के इस कार्य ने सोवियत संघ का कायापलट कर दिया।
वह शांति और प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हुआ। सन् 1924 ई० तक इटली, जर्मनी और इंगलैंड ने सोवियत संघ की सरकार को मान्यता प्रदान कर दी।