प्रकाश झा ने निर्माण-निर्देशन में फिल्मों को अनेक ऊँचाइयाँ दी हैं। वे हिन्दी फिल्म-जगत् के दो-चार वैसे निर्देशकों में से है, जिन्होंने हिन्दी फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय सोद्देश्यता से जोड़ा है। उनके निर्देशन का प्रारंभ हिप हिप हुरे' से हुआ था, जिसमें उनके व्यावसायिकता मुक्त रुझान का पता चलता था।
इसके बाद प्रकाश झा ने 'दामुल', 'मृत्युदण्ड', 'परिणति', 'बंदिश', 'राहुल', 'गंगाजल' और 'अपहरण' के द्वारा फिल्म निर्देशन तथा अपनी परिष्कृत अभिरुचि के अनेक नूतन आयामों से हिन्दी सिनेमा संसार को परिचित कराया है।