अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) से निजामुद्दीन औलिया ने भेंट करने से इंकार कर दिया था
शेख निजामुद्दीन औलिया ने सात सुल्तानों का राज्य देखा, जो कि एक के बाद एक सत्तासीन होते रहे, किंतु वे कभी भी किसी के दरबार में नहीं गए। सुल्तान जलालुद्दीन ने शेख से मिलने का बहुत प्रयास किया, यहां तक उसने शेख के प्रिय शिष्य अमीर खुसरो के माध्यम से भी प्रयत्न किया, किंतु जब शेख को ज्ञात हुआ कि सुल्तान आने वाला है, तो वे अजोधन चले गए। इस प्रकार औलिया न तो सुल्तान से मिले और न ही इंकार किया।
दूसरी तरफ जब अलाउद्दीन ने उनसे मिलने की आज्ञा मांगी तो शेख ने उत्तर दिया कि मेरे मकान के दो दरवाजे हैं। यदि सुल्तान एक के द्वारा आयेगा, तो मैं दूसरे के द्वारा बाहर चला जाऊंगा। उन्होंने अलाउद्दीन से मिलने से इंकार कर दिया था।
वे महबूब-ए-इलाही के नाम से प्रसिद्ध थे।