1857 में जगदीशपुर में विद्रोह की अगुवाई करने वाले कुंवर सिंह (Kunwar Singh) बिहार के आरा जिले से संबंधित थे।
जब उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा बुलंद किया। प्रकृति ने उन्हें अदम्य शौर्य, वीरता और सेनानायक के आदर्श गुणों से मंडित किया था, इसी कारण उन्हें सही रूप में विद्रोह के दौरान बिहार का सिंह माना जाता है। उन्होंने शाहाबाद जिले में अंग्रेजों की सत्ता का तख्तापलट दिया और अपनी सरकार स्थापित की।
वह कानपुर पर संयुक्त आक्रमण के लिए नाना साहब की मदद हेतु काल्पी की ओर आगे बढ़े। वह विद्रोह की मशाल को रोहतास, मिर्जापुर, रीवा, बांदा और लखनऊ तक ले गए, जहां उनका अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। अपनी अंतिम सफलता के रूप में उन्होंने अपने गृहनगर जगदीशपुर के निकट अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित किया।
इसी युद्ध ने दिसंबर, 1858 तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा के दौरान कुंवर सिंह बुरी तरह घायल हो गए और 26 अप्रैल, 1858 को उनकी मृत्यु हो गई।
उनकी मृत्यु के बाद उनके भाई अमर सिंह दिसंबर 1858 तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा ।