मृदा में रहने वाला जीवाणु (Bacillus thuringiensis) द्वारा एक-एक Toxin स्रावित होता है।
जो कीट-लार्वा के पाचनतंत्र को नष्ट कर देता है जिससे Bt. gene को कपास के पौधों में स्थानान्तरित कर दिया जाता है।
ऐसे पौधों को Transgenic plants कहते हैं। ये पौधे कीटरोधी होते हैं।
इन कीट रोधी पौधों को लगाने से कीटों का बुरा असर उत्पादन पर नहीं होता है। अतः यह कृषि उत्पादन में काफी लाभदायक साबित हो रहा है।